सरसई नावर सम्बादसूत्र
छात्रा की पिटाई को लेकर स्कूल के शिक्षक शिक्षिका आपस में भिडे देखिए पूरी खबर
कस्बे के अन्तर्गत स्थापित एक मान्यता प्राप्त विद्यालय में एक शिक्षिका ने छात्रा के साथ एैसा क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया कि छात्रा कुछ कह न सकी जिसके बाद छात्रा ने संस्कृत के शिक्षक को व्यथा सुनायी शिक्षक ने शिक्षिका की बेरहमीं जूनियर प्रधानाचार्य को सुनाई कहा सुनी के बाद मामला इस तरह बढा कि शिक्षिका ने शिक्षक को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया
ग्राम में स्थापित देवी दयाल बौद्ध विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल में एक शिक्षिका ने कक्षा आठ की छात्रा किरन कुमारी की कुछ इस तरह क्रूरता पूर्वक पिटाई की कि किरन कुमारी ने अपने हाँथों को रोते हुए संस्कृत के शिक्षक दिवाकर जी को दिखाए जिसके बाद उन्हौंने शिक्षिका से बात की बात करने पर शिक्षिका ने टका सा जवाव दिया कि अभी तो कुछ नही पीटा मेरा घण्टा आने पर इससे भी ज्यादा पिटाई होगी जिसके बाद शिक्षक ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियम के अनुरूप ही चलना होगा इतने में विद्यालय की दूसरी शिक्षिका ने आकर जातिवाद निभाते हुए कहा कि भाड में जाए तुम्हारा शिक्षा विभाग हम तो अपने स्तर से चलेंगे इतना ही नहीं शिक्षक से अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया फिर दोनों शिक्षिकाओं ने शिक्षक को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया अपमानित शिक्षक ने तुरंत जानकारी विद्यालय प्रधानाचार्य को दी लेकिन प्रधानाचार्य ने उफ तक नहीं की वहीं विद्यालय के छात्र छात्राओं तथा विद्यालय के अन्य स्टाफ से उस शिक्षिका का कहना है कि विद्यालय में वही होगा जो हम चाहेंगे क्योंकि मेरे बाबा इस विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं इतना ही नहीं वल्कि यह शिक्षिका असमय पर विद्यालय के अन्य स्टाफ के लोगों को प्रताडित करती रहती है
विद्यालय के छात्र छात्राओं ने बताया कि उक्त शिक्षिका कभी फीस तो कभी अन्य करणों से छात्रौं पर बेरहमी दिखाती रहती है जिसके विषय मैं खुशी पुत्री विवेक कुमार कक्षा एक और दिव्यांश कक्षा दो ने बताया कि साधना दीदी ने फीस की बजह से आज शुक्रवार को भी हम लोगों को बहुत मारा और धक्के देकर विद्यालय से बाहर निकाल दिया जिसके बाद बच्चों के अभिभावकों ने विद्यालय से सम्पर्क किया तो साधना की अभद्रता का परिचय मिला जिस पर विद्यालय प्रबंधन का जरा सा भी कोई अंकुश नहीं है
उनकी अभद्रता देख छात्रों के अभिभावकों ने विद्यालय शिक्षकों,शिक्षिकाओं की शिक्षा का विषय उठाया तो कई शिक्षिकाऐं तो मात्र इण्टर उत्तीर्ण ही मिली इनकी शिक्षा देख अभिभावकों ने विद्यालय की शिक्षा के ऊपर व्यंग्य करते हुए कहा कि विद्यालय प्रबंधन को तो सिर्फ फीस से ही मतलव है लेकिन शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी लगता है कि निद्रा में लीन हैं जोकि इन निजी संस्थाओं को देख भी नहीं सकते जो प्रतिवर्ष फीस बढाकर मनमानी फीस बसूलते हैं और शिक्षा फिर भी शून्य की शून्य ही रहती है
छात्रा की पिटाई के बाद खाली कक्षा में भययुक्त बैठे बच्चे
