नाली, गड्ढा, खुदान कार्य हुआ नहीं, जिम्मेदारों ने निकाल ली धनराशि
वाह-रे-वन विभाग
इटावा के सिन्डौस व विण्डवा खुर्द पर कर दिया मनमाने धन से वृक्षारोपण
श्रमिको से कार्य कराऐ वगैर बना दिऐ फर्जी मस्टररोल
जांच के दौरान उजागर हुआ फर्जी बाडा
इटावा। वन विभाग अपनी कारगुजारियों के चलते हमेशा चर्चाओ में वना रहता है। सत्यता तो यह है कि इस विभाग द्वारा फर्जीबाडा कर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जाता रहा है। कभी वृक्षारोपण के नाम पर तो कभी चैकडेम निर्माण के नाम पर तो कभी बोना नाली, गडढा खुदान के नाम पर कार्य कराए वगैर ही भुगतान निकाल लिया गया है। विभाग द्वारा पूर्व में किए गए इन कार्यो का खुलासा उस समय हुआ जब मिली शिकायतों की जांच उपप्रभागीय वनाधिकारी द्वारा की गई। जांच के दौरान दूध का दूध व पानी का पानी सामने आ गया। अब देखना यह है कि विभाग दोषियों के विरूद्घ कार्यवाई करता है अथवा दोषियों को बचाने का काम करता है, यह भविष्य के गर्त में है।
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यह है जांच रिपोर्ट
वर्ष 2018 में वन विभाग द्वारा विण्डवा खुर्द में वन विभाग की जमीन पर 20 हैक्टेयर जमीन पर वृक्षारोपण मृदा कार्य मनरेगा योजना के तहत हुआ था। जिसकी जांच तत्कालीन उपप्रभागीय वनाधिकारी राजकुमार त्रिपाठी द्वारा की गई। जांच के दौरान पाया गया कि लक्ष्य के अनुसार चार हजार गोना नाली का खुदान कार्य किया जाना था।
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दूधई वन क्षेत्र में पाया गया अवैध रूप से पर्णपाती वनो का पातन
दूधई वन क्षेत्र प्रदेश के सर्वाधिक मूल्यवान मिश्रित शुष्क पर्णपाति वनो में से एक है, जहां पर बेल, आंवला, चिरौंजी, महूआ, तेंदू आदि के जंगल है। उपप्रभागीय वनाधिकारी द्वारा जब यहां का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि यहां पर इन पेडों का अवैध रूप से पातन हुआ है। मौके पर 10 हैक्टेयर खेत में विभिन्न पेडों के कटे ठूठ पाए गए। इसके अलावा जगह जगह कटी हुई लकडी पाई गई। जिससे यह लगता है कि यहां पर अवैध रूप से पेडो का कटान किया जा रहा है और संबंधित रैंजर दोषी है। इसके अलावा दूधई क्षेत्र में वर्ष 2018 में 10 हैक्टेयर जमीन पर वृक्षारोपण की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि यह कार्य मनरेगाा योजना के तहत कराया जाना था। जिसमें 5 हजार गडढा खुदान, 2 हजार बोना नाली खुदान का लक्ष्य है। लेकिन मौके पर केवल 50 बोना नाली का खुदान कार्य पाया गया। जबकि रिकार्ड में पूरा काम पाया गया।
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लगाए गए फर्जी मस्टररोल
वर्ष 2017-2018 में विण्डवा खुर्द वन ब्लाक में वृक्षारोपण में फर्जी मस्टररोल लगाकर भ्ुागतान निकाल लिऐ जाने का मामला जांच के दौरान उजागर हुआं जांच के दौरान पाया गया कि 4 हजार बोना नालियों की खुदान का लक्ष्य था। जिसमें 654 बोना नालियों का कार्य हुआ नहीं। जबकि बिना श्रमिकों से कार्य कराए फर्जी मस्टर रोल बना दिए गए। जांच के दौरान पाया कि जो बोना नाली खोदी गई उनमें से अधिकांश पुराने वृक्षारोपण की मौजूद असफल बोना नालियों को ही खोदकर बना दी गई। इसके अलावा गहराई मानक से कम पाई गई।
इनका कहनाः-
मामला संज्ञान में नही है, यदि इस प्रकार के कार्य हुऐ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरूद्घ कडी कार्यवाई अमल में लाई जाएगी।
कन्हैया पटेल
प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग,इटावा
